पिछले 6 दशकों से रचनाकर्म में सक्रिय राजेन्द्र यादव साहित्य में महानायक की हैसियत रखते हैं। साल 2006 में वरिष्ठ आलोचक आनंद प्रकाश और युवा कवि-लेखक रामजी यादव की टीम (पीपुल्स विजन प्रोडक्शन कम्पनी) ने राजेन्द्र यादव का लम्बा इंटरव्यू लिया। पीपुल्स विजन यादव जी के समग्र व्यक्तित्व और कृतित्व पर फिल्म बना रहा है। यदि आप भी इस प्रोजेक्ट से किसी भी तरह से जुड़ना चाहें तो रामजी यादव से (yadav.ramji2@gmail.com या 9015634902 पर) संपर्क करें। इस साक्षात्कार में राजेन्द्र यादव ने कविता की विलुप्ति, कहानी-नई कहानी, दलित और महिला लेखन, मार्क्सवाद की भारत में असफलता, साहित्य और राजनीति के पारस्परिक संबंधों इत्यादि पर खुलकर बोला। हमें यह साक्षात्कार संग्रहणीय लगा और यह भी लगा कि शायद हिन्द-युग्म के बहुत-से पाठक भी इसे सुनकर ऐसा महसूस करेंगे कि बहुत कुछ जानने और समझने को मिला।
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महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा और गांधी शांति प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मासिक कार्यक्रम "अनहद" में राजेन्द्र यादव का कथापाठ शुक्रवार, 19 मार्च 2010 की शाम 5ः30 बजे आयोजित होगा। अध्यक्षता निर्मला जैन करेंगी। जरूर पधारें।
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