Wednesday, April 08, 2009

एक वेबसाइट ऐसी भी.....

मंगलवार की सुबह ही अखबार में पढ़ा कि हिन्दुस्तान टाइम्स ने गूगल के सहयोग से एक नई वेबसाइट बनाई है http://www.google.co.in/intl/en/landing/loksabha2009/ या http://hindustantimes.com/loksabha2009 जो केवल लोकसभा चुनाव २००९ पर केंद्रित होगी। आजकर हर कोई चुनाव पर ही अपनी वेबसाइट, चैनल आदि बना रहा है। सोच कर देखिये कि अंग्रेजी पत्रकारिता में अग्रणी समाचारपत्रों में जिसका शुमार हो और वेबसाइट जगत की सबसे मशहूर वेबसाइट एक साथ हो तो वो साइट कितनी बढ़िया होगी। यही सोचकर मैं उस साइट पर गया। मैंने पाया कि उस साइट पर गूगल की सभी तकनीक लगी हुई है। बाईं ओर गूगल-मैप से नक्शे देखे जा सकते हैं। गूगल का खोजी-तन्त्र (सर्च-इंजिन) तो है ही। और भी काफी जानकारियाँ बेहद सरल तरीके से दी हुई हैं। यही तो गूगल की पहचान है। मैंने दो-चार लिंक देखना शुरु किया। पर ये क्या... मुझे कोई भी जानकारी ठीक नहीं लग रही थी। उदाहरण के तौर पर जगदीश टाइटलर के बारे में आप देखेंगे तो आपको उनके नाम के आगे " No Criminal Record" लिखा हुआ है। अब टाइटलर साहब के ऊपर कोई केस दर्ज नहीं हुआ हो, ऐसा मुझे तो नहीं लगता। इनके पास कोई सम्पत्ति भी नहीं है। लालू प्रसाद यादव जी का क्रिमिनल रिकार्ड तो है पर लोकसभा वे केवल ४ प्रतिशत दिनो के लिये ही आये हैं। मैंने इसके आगे और कुछ नहीं देखा क्योंकि मुझे यह समय की बर्बादी लगा। पुरानी और गलत जानकारियों की भरमार है इस साइट पर। आप जा कर देख सकते हैं। हँसहँस कर लोट-पोट हो जायेंगे। इतने बड़े दिग्गजों ऐसी साइट लेकर आयेंगे मैंने सोचा भी न था। हो सकता है आने वाले समय में इसमें कुछ सुधार हो पर अंग्रेजी में एक कहावत है "First Impression is the last impression"।

तपन शर्मा

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5 बैठकबाजों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

मैंने देखी नहीं, पर आंकड़े यदि पुराने हैं तो निराश हूं मैं ।

Divya Narmada का कहना है कि -

हैं ऊँची दूकान में, यदि फीके पकवान.

जिसे- देख आश्चर्य हो, वह सचमुच नादान.

वह सचमुच नादान, न फल या छाँह मिलेगी.

ऊँचा पेड़ खजूर, व्यर्थ- न दाल गलेगी.

कहे 'सलिल' कविराय, दूर हो ऊँचाई से.

मिलती है ऊँचाई केवल नीचाई से.

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

कहे 'सलिल' कविराय, दूर हो ऊँचाई से.

मिलती है ऊँचाई केवल नीचाई से...
kya baat hai...

संगीता पुरी का कहना है कि -

राजनीति की बातों की ही सही ... इंटरनेट पर पुरानी और गलत जानकारियों की भरमार का होना अच्‍छी बात नहीं ... देखिए शायद सुधार हो जाए।

अजित गुप्ता का कोना का कहना है कि -

नेट ने तो इन लोगों की साइट से ही लिया होगा न। ये राजनेता तो इतने अल्‍प बुद्धि है कि जितना कोई छोटा बच्‍चा। अरे मैंने भी क्‍या लिख दिया बच्‍चे तो बड़े तेज होते हैं।

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