Saturday, January 03, 2009

एक और कार्टून राजेन्द्र यादव के नाम

हिन्द-युग्म वार्षिकोत्सव 2008 में राजन्द्र यादव द्वारा दिये गये वक्तव्यों पर प्रतिक्रियाओं के आने का दौर अभी थमा नहीं है। 30 दिसम्बर 2008 को बैठक पर ही मनु बे-तख्खल्लुस की प्रतिक्रिया कार्टून के माध्यम से लगाया था। आज प्रस्तुत है उनके दूसरे बयान पर एक और कार्टून॰॰॰

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11 बैठकबाजों का कहना है :

Smart Indian का कहना है कि -

वाह भई वाह!
करता था तो क्यों किया, अब कर क्यों पछताय
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाय!

Nikhil का कहना है कि -

वाह...आप तो गज़ब ढा रहे हैं....
बधाई...
निखिल

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

मनु जी, लगता है आपके सपनों में रोज़ राजेंद्र यादव आ रहे हैं.. :-)
इतना गहरा असर!!!! :-)
कार्टून अच्छा था...

admin का कहना है कि -

सुन्‍दर कार्टून।

अनुनाद सिंह का कहना है कि -

जबरजस्त !! बहुट सटीक प्रहार है!! राजेन्द्र केवल स्वयं बुड्ढ़े ही नहीं हैं बल्कि जिस आइडियालोजी को वे ढ़ो रहे हैं वह भी डेढ़ सौ साल की बुड्ढी है और विज्ञ लोगों का कहना है कि वह मर भी चुकी है।

manu का कहना है कि -

तपन जी,
जैसे किसी हादसे का असर ख़बर पढने या सुनने वाले से बहुत ज्यादा चश्मदीद पर होता है बस ..ऐसा ही हुआ है......पढ़ें ..............
|| ये बदसलूकियां ना उम्र के जामे में छिपा,
बन के मेहमां, मेरे अजदाद को गाली दी है ||

आशीष कुमार 'अंशु' का कहना है कि -

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......
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आलोक साहिल का कहना है कि -

laajwaab bhai ji,kya khub banayi aapne
ALOK SINGH "SAHIL"

शोभा का कहना है कि -

हा हा हा बहुत सही किया नई पीढ़ी ने। बधाई स्वीकारें।

Unknown का कहना है कि -

मनु जी ,अभिव्यक्ति का अधिकार तो संविधान ने दिया है ,उन्की (राजेन्द्र जी )बाल की खाल निकालने जिम्मा आपने लिया है ,जारी रहें |

Anonymous का कहना है कि -

अच्छा व्यंग कार्टून के मध्यम से ,सब की लेखनी बोलती है आप की तूलिका
सादर
रचना

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