नीलेश माथुर गुवाहाटी में व्यापर करते हैं। कवि-हृदयी हैं। देश की हालत को बापू के नाम एक पत्र लिखकर बयाँ कर रहे हैं।
पूज्य बापू,
सादर प्रणाम, आशा ही नहीं हमें पूर्ण विश्वास है कि आप कुशलता से होंगे। हम सब भी यहाँ मजे में हैं। देश और समाज की स्थिति से आपको अवगत करवाने के लिए मैंने ये ख़त लिखना अपना कर्त्तव्य समझा। कुछ बातों के लिए हम आपसे माफ़ी चाहते हैं जैसे कि आपके बताए सत्य और अहिंसा के सिद्धांत में हमने कुछ परिवर्तन कर दिए हैं, इसे हमने बदल कर असत्य और हिंसा कर दिया है, और इसमें हमारे गांधीवादी राजनीतिज्ञों का बहुत बड़ा योगदान रहा है, वो हमें समय समय पर दिशाबोध कराते रहते हैं और हमारा मार्गदर्शन करते रहते हैं। इन्हीं के मार्गदर्शन में हम असत्य और हिंसा के मार्ग पर निरंतर अग्रसर हैं, बाकी सब ठीक है।
आपने हमें जो आज़ादी दिलवाई उसका हम भरपूर फायदा उठ रहे हैं। भ्रस्टाचार अपने चरम पर है, बाकी सब ठीक है।
हर सरकारी विभाग में आपकी तस्वीर दीवारों पर टँगवा दी गयी है और सभी नोटों पर भी आपकी तस्वीर छपवा दी गयी है। इन्हीं नोटों का लेना-देना हम घूस के रूप में धड़ल्ले से कर रहे हैं, बाकी सब ठीक है। स्वराज्य मिलने के बाद भी भूखे नंगे आपको हर तरफ नज़र आएँगे, उनके लिए हम और हमारी सरकार कुछ भी नहीं कर रहे हैं, हमारी सरकार गरीबी मिटाने की जगह गरीबों को ही मिटाने की योजना बना रही है, बाकी सब ठीक है।
बापू हमें अफ़सोस है की खादी को हम आज तक नहीं अपना सके हैं, हम आज भी विदेशी वस्त्रों और विदेशी वस्तुओं को ही प्राथमिकता देते हैं, बाकी सब ठीक है।
अस्पृश्यता आज भी उसी तरह कायम है। जिन दलितों का आप उत्थान करना चाहते थे, उनकी आज भी कमोबेश वही स्थिति है, बाकी सब ठीक है।
बापू आजकल हम सत्याग्रह नहीं करते, हमने विरोध जताने के नए तरीके इजाद किये हैं। आज कल हम विरोध स्वरुप बंद का आयोजन करते हैं और उग्र प्रदर्शन करते हैं, जिसमें कि तोड़फोड़ और आगज़नी की जाती है, बाकी सब ठीक है।
जिस पाकिस्तान की भलाई के लिए आपने अनशन किये थे, वही पाकिस्तान आज हमें आँख दिखाता है, आधा काश्मीर तो उसने पहले ही हड़प लिया था, अब उसे पूरा काश्मीर चाहिए। आतंकियों की वो भरपूर मदद कर रहा है। हमारे देश में वो आतंक का नंगा नाच कर रहा है। आये दिन बम के धमाके हो रहे हैं और हजारों बेगुनाह फिजूल में अपनी जान गँवा रहे हैं, बाकी सब ठीक है।
बांग्लादेश के साथ भी हम पूरी उदारता से पेश आ रहे हैं, वहां के नागरिकों को हमने अपने देश में आने और रहने की पूरी आज़ादी दे रखी है, करोड़ों की संख्या में वे लोग यहाँ आकर मजे में रह रहे हैं, और हमारे ही लोग उनकी वजह से भूखे मर रहे हैं, बाकी सब ठीक है।
बापू हम साम्प्रदायिक भाईचारा आज तक भी कायम नहीं कर पाए हैं। धर्म के नाम पर हम आये दिन खून बहाते हैं। आज हमारे देश में धर्म के नाम पर वोटों की राजनीति खूब चल रही है। साम्प्रदायिक हिंसा आज तक जारी है। बाकी सब ठीक है।
बापू आज आप साक्षात यहाँ होते तो आपको खून के आंसू रोना पड़ता, बापू आपने नाहक ही इतना कष्ट सहा और हमें आज़ादी दिलवाई, हो सके तो हमें माफ़ करना।
आपका अपना-
एक गैर जिम्मेदार भारतीय नागरिक
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4 बैठकबाजों का कहना है :
ओह! नीलेश जी,
क्या-क्या हो रहा है भारत देश में आजादी के बाद उसे कितने सही शब्दों में बताया है आपने. क्या बापू का सारा प्रयास व्यर्थ था? मैं भी अपने आप से कभी पूछती हूँ. पढ़कर आँखें नम सी हो आयीं हैं की:
बापू आज आप साक्षात यहाँ होते तो आपको खून के आंसू रोना पड़ता, बापू आपने नाहक ही इतना कष्ट सहा और हमें आज़ादी दिलवाई, हो सके तो हमें माफ़ करना।
निलेश जी का यह बहुत ही अच्छा प्रयास है। एक लेखक, कवि या यूं कहें समाज सुधारक, महात्मा गांधी जी के बताए रास्तों पर चलने का प्रयास करता है मगर हमारे चोर नेताऒं ने देश की स्थिति ऐसी कर दी है की सच्चे इन्सान का तो जीना ही हराम हो गया है। अगर आज गाँधी जी होते तो वह तो जीते जी ही मर जाते। मगर निलेश जी बापू की कुर्वानी ज़ाया नहीं जाएगी जब तक समाज में आप जैसे प्रबुध लोग हैं। इस पत्र को पढकर तो निश्चय ही बापू का मन भर आएगा। हरे राम, हरे राम, हरे राम
और तो और बापु
हम आपके सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर वादविवाद तक आयोजित करते हैं । बाकी सब ठीक है ।
नरेगा योजना को आपका नाम दे कर पधानमंत्री संभवत:यह मंशा रखते हैं कि यह पूरी योजना जो कभी आपने ही कंसीव की थी , पारदर्शी होगी और योजनाबद्ध तरीके से परिपूर्ण होगी । है अपना हिंदुस्तान कहां वह बसा हमारे गावों में किसी कवि की यह उक्ति आपके विचारों का प्रतिबिंब और वर्तमान प्रधानमंत्री का स्वप्न है । आपके ब्लेसिंग से यह अवश्य पूरी होगी । बाकी सब ठीक है ।
bapu ji naare satya aur ahinsa mein bhartiyon ne maamuli change kiya hai.
a ko ahinsa (hinsa) ke aage se hataa kar satya (asatya) ke aage lagaa diya hai. baaki kuchh nahin kiya hai.
ghandhi ki lathi kaa prayog ab police vaale kar rahen hain,
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