भाव फिर आएंगे नीचे
सोने के भाव एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। पिछले 15-20 दिनों से भाव रोज नई बुलंदी छू रहे हैं। पहले 14000 रुपए प्रति 10 ग्राम का स्तर पार होने के कयास लगाए, फिर 15,000 रुपए के और 16,000 रुपए का स्तर छूने की बात की जा रही है।
क्या है सोने की इस तेजी का गणित और क्या सोने अब मंदा नहीं होगा?
ये दो ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर हर कोई जानना चाहता है। पहले सोने के तेजी के कारण की बात करें।
गत वर्ष तक सोने के भाव में तेजी का सम्बंध कच्चे तेल के भाव के साथ होता था। गत वर्ष मार्च में सोने के भाव 1034 डालर (प्रति औंस) के रिकार्ड के स्तर पर पहुंचा था तो कच्चे तेल के भाव 100 डालर प्रति बैरल के आसपास घूम रहे थे।
लेकिन अब कच्चे तेल के भाव गिर कर 40 डालर से नीचे आ गए हैं लेकिन विश्व बाजार में सोने के भाव फिर 1000 डालर का स्तर छूने को तैयार हैं।
इस प्रकार सोने की तेजी को कच्चे तेल के भाव के साथ चला वर्षों पुराना सम्बंध अब टूट चुका है।
सोने के प्रति भारतीयों को लगाव किसी से छिपा नहीं है। सदियों से निवेश को सबसे बेहतर साधन रहा है। विवाह आदि की रौनक इसके बिना होती ही नहीं है। लेकिन पिछले कुछ माह से भारत में सोने का आयात लगातार कम होता जा रहा है। इस प्रकार अब यह तेजी का यह सम्बंध भी समाप्त हो चुका है।
इस समय सोने में तेजी का प्रमुख और एकमात्र कारण अमेरिकी अर्थ-व्यवस्था और विश्व मुद्रा बाजार में डालर की स्थिति डांवाडोल होना है। विदेशों में लोग डालर की बजाए सोने में निवेश कर रहे हैं। तेजी का दूसरा कारण सटोरियों की लेवाली है।
इन दोनों ही कारणों से सोने के भाव बढ़ रहे हैं। ऐसे में जैसे ही अमेरिकी अर्थ-व्यवस्था में सुधार होगा सोने के भाव में गिरावट आएगी।
इतिहास बताता है कि सोने के भाव में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं। विश्व बाजार में 1980 में सोने के भाव 850 डालर प्रति औंस का स्तर बना गए थे लेकिन उसके बाद गिर कर 250 डालर पर आ गए थे। उसके बाद सोने के भाव बढ़ कर 750 डालर पर पहुंचे लेकिन फिर गिर कर 550 डालर पर गए।
मंदी-तेजी के इस खेल में गत कुछ वर्ष पूर्व विश्व बाजार में सोने के भाव दोबारा 850 डालर पर पहुंचे थे और गत वर्ष मार्च में 1034 डालर के स्तर को छू गए थे।
उसके बाद सोने के भाव गिर कर 850 डालर तक आ गए थे लेकिन अब दोबारा भाव में तेजी आ रही है। अभी तक भाव 1000 डालर से नीचे हैं लेकिन जब तक यह लेख आप तक पहुंचेगा, संभव में 1000 डालर प्रति औसं (31.100 ग्राम) से ऊपर चले जाएं। लेकिन यह तेजी अधिक समय टिकने वाली नहीं है। जल्दी ही सोने के भाव गिरेंगे लेकिन कितने यह कहा नहीं जा सकता है।
लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि सोना अपनी चमक खो देगा, सोने की चमक बरकरार रहेगी। गिरने के बाद भाव फिर बढ़ेंगे, ठीक वैसे ही आग में तपने के बाद सोने में और चमक आ जाती है।
राजेश शर्मा
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बैठकबाज का कहना है :
कच्चा तेल, सोना और डालर का गणित..
अच्छी जानकारी..
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