इस वर्ष दाल और सब्जी में जीरे का तड़का फीका रहने का अनुमान है क्योंकि प्रतिकूल मौसम के कारण देश में इसका उत्पादन कम होने की आशंका है। उत्पादन कम होने की आशंका से बाजार में स्टॉकिस्ट सक्रिय हो गए हैं और पिछले एक महीने के दौरान जीरे के भाव में थोक बाजार में लगभग 400 रुपए प्रति क्विंटल की तेज़ी आ चुकी है। उत्पादन, स्टॉक, घरेलू खपत और निर्यात को देखते हुए आगामी महीनों में इसके भाव में और तेजी के अनुमान हैं।
इस वर्ष देश में जीरे का उत्पादन 25 लाख बोरी होने का अनुमान है जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम होगा। उत्पादन में कमी का कारण गुजरात और राजस्थान में मौसम खराब होना है। देश में जीरे का उत्पादन केवल इन दो ही राज्यों में होता है।
जहां इस वर्ष जीरे का उत्पादन कम है वहीं इसका पुराना स्टॉक भी कम है। एक अनुमान के अनुसार बकाया स्टॉक लगभग 6 लाख बोरी ही है जबकि गत वर्ष यह लगभग 10 लाख बोरी था। इस प्रकार कुल उपलब्ध्ता लगभग 35 लाख बोरी होगी।
विश्व बाजार में कमी को देखते देश से जीरे के निर्यात में भी वृद्वि हो रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक कुल 28,500 टन जीरे का निर्यात किया जा चुका है जबकि गत वर्ष की इसी अवधि में निर्यात 18,855 टन ही था।
विश्व बाजार की स्थिति को देखते हुए आगामी वर्ष भी जीरे के निर्यात में बढ़ोतरी का अनुमान है। विश्व में जीरे का उत्पादन भारत के अलावा तुर्की, सीरिया, इराक, चीन आदि में होता है। भारत में कुल जीरा उत्पादन का केवल 10 प्रतिशत के आसपास ही निर्यात किया जाता है जबकि अन्य देश अपने कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत निर्यात करते हैं।
प्रतिकूल मौसम के कारण इस वर्ष लगभग हर उत्पादक देश में जीरे का उत्पादन कम है। इससे निसंदेह भारत से अधिक मात्रा में इसका निर्यात किया जाएगा।
एक ओर निर्यात में वृद्वि का अनुमान है तो दूसरी ओर कुल उपलब्धता कम हो रही है। इससे आने वाले महीनों में जीरा का तड़का फीका हो सकता है।
राजेश शर्मा
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8 बैठकबाजों का कहना है :
bhai hamne to aaj se hi jeera khana kam kar dya hai kam se kam jab tak mehnga hoga hame adat hi nahi rahegi rochak jaankari hai
अच्छि जानकारी दी है।आभार।
ek aur buri khabar.......
ALOK SINGH ""SAHIL
स्टाकिस्ट के कारण तो समय से पहले ही मूल्यों में और वृद्धि होने लगती है......जनता को तो सब झेलने की आदत पड ही चुकी है....जानकारी के लिए आभार।
जानकारी के लिए आभार
वैसे मुझे तो जीरा अच्छा भी नही लगता,
हाँ लेकिन बिना तडके की दाल भी अच्छी नही लगती
सबसे पहले तो राजेश जी और निखिल जी को बधाई, उपयोगी जानकारी देने के लिए। समाचार केवल राजनेताओं के कथन नहीं होते अपितु वास्तव में समाचार ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी परक होने चाहिए, जिससे जनता भारत की कृषि नीति, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि नीतियों के बारे में जान सके। जीरा हमारे जीवन की प्रमुख वस्तु है जो लोह तत्व से भरपूर और पाचन क्रिया में सहायक है। जो नहीं खाते उन्हें अवश्य खाना चाहिए।
Nikhil Babu mujhe to lagta hai ki aaj hi SDAR BAZAR ja kar ke Apna JEERE ka stock lana padega.
Khai market main aur kuch uthal puthal ho to jarur bataiyega
अच्छी जानकारी...
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