नए सीजन की आवक आरंभ होने के बावजूद छोटी इलायची के भाव थमने का नाम नहीं ले रही है। उल्लेखनीय है कि आमतौर पर नई फसल के आने पर भाव में गिरावट आती है लेकिन छोटी इलायची के मामले में ऐसा नहीं है। छोटी इलायची का सीजन अगस्त से जुलाई होता है और एक अगस्त से ही केरल के तमिलनाडु के उत्पादक व नीलामी केंद्रों पर इसकी आवक आरंभ हो चुकी है। नवीनतम प्राप्त आंकड़ों के अनुसार एक अगस्त से आरंभ हुए चालू सीजन में अब तक लगभग 145 टन छोटी इलायची की आवक हुई जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 149 टन की आवक हुई थी। हालांकि आवक में मामूली ही कमी आई है, लेकिन इस वर्ष औसत भाव 680.71 रुपए प्रति किलो रहे जबकि गत वर्ष इसी अवधि मे 591.24 रुपए प्रति किलो थे। वास्तव में ऐसा नहीं लगता है कि जल्दी ही इसके भाव में कमी आ पाएगी। इसका कारण त्यौहारी मांग है व निर्यातकों की मांग है। खाड़ी के देशों को रमजान के महीने के लिए पिछले दिनों छोटी इलायची का निर्यात किया गया था। आगामी दिनों में इसकी निर्यात मांग में कुछ और वृद्वि का अनुमान है। उसके बाद दशहरा और दीपावली की मांग आरंभ हो जाएगी।
वास्तव में छोटी इलायची में तेजी का कारण गत वर्ष का बकाया स्टाक कम होना है। यही कारण है कि भाव में तेजी आ रही है। तेजी का एक अन्य कारण इस वर्ष केरल और तमिलनाडु के उत्पादक केंद्रों पर वर्षा की कमी होना भी है। इस
वर्ष मानसून के दौरान वहां पर वर्षा कम होने से पौधे पूरी तरह पनप नहीं पाए हैं और उत्पादन कम होने का अनुमान है।
गत वर्ष भी यानि 2008-09 के दौरान भी देश में छोटी इलायची के भाव में तेजी रही थी, हालांकि उत्पादन 15,000 टन के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था लेकिन नीलामी केंद्रों पर औसत भाव भी 539.62 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए थे। इसका कारण जहां देश में पिछला स्टाक कम होना था वहीं ग्वाटेमाला में उत्पादन प्रभावित होने से देश से निर्यात में बढ़ोतरी भी
था। इससे पूर्व वर्ष यानि 2007-08 में उत्पादन लगभग 9,000 टन था और औसत भाव 507.84 रुपए प्रति किलो रहे थे।
निर्यात इसी बीच, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान देश से 12.80 करोड़ रुपए मूल्य की 200 टन छोटी इलायची का निर्यात किया गया जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 7.77 करोड़ रुपए मूल्य की 120 टन का निर्यात किया गया था। इस
वर्ष औसत भाव 640 रुपए प्रति किलो रहे।
राजेश शर्मा
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6 बैठकबाजों का कहना है :
ab to ilaaychi kya sabhi ceejein haathon se phisalti ja rahi hain .kuchh bhi mahgai se nahi bacha hai.
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अजी यह तो फिर भी इलाइची. लेकिन चीनी के दाम तो देखिये वो तो इससे भी छोटी है.
वो इलायची खिलाई के करीब आ गया....
अफसोस, गुलज़ार अब ये गाना नहीं लिख पाएंगे...
कई दिन से इस बलाग पर आ नहीं पाई थी मगर आज इलाईची की खुश्बू पाते ही आना पडा अच्छी जान कारी है आभार्
महंगी इलायची की व्यापक जानकारी मिली ,बचपन की कव्वाली याद करा दी -'हर किसी से पूछ लो इलायची मेरा नाम हैं .आ आ ...अगर तुम्हें पान खाने का शौक है .चलिए दुकान पर ...'बधाई .
अरे आप छोटी इलायची की बात कर रहे हो....यहाँ तो यह हाल है कि चीज़ें छोटी हो या बड़ी....भाव तो आसमान पर ही हैं....और ये धरती पर कब उतरेंगे....शायद जब धरती के समस्त गरीब लोग ही ऊपर चले जायेंगे....तब.....हा..हा..हा..हा..हा..दुनिया के अमीरों खुश हो जाओ....क्योकि तुम्हारी दुनिया के टाट के पैबन्दों की अर्थी अब बस निकलने ही वाली है....!!
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