मुर्गी ने आदमी के बच्चे को जन्म दिया है। सुनने में आपको थोड़ा अटपटा ज़रूर लगेगा, लेकिन ये ख़बर आई है मध्य-प्रदेश के रायसेन शहर से। एक टीवी चैनल पर ये ख़बर चलने के बाद दूसरे चैनलों के पत्रकार भी इसे कवर करने दौड़ पड़े। बिना ये जांच-पड़ताल किये, कि क्या एक मुर्गी भी इंसान के बच्चे को जन्म दे सकती है। मज़े की बात ये है कि इस पर किसी ने अपना दिमाग लगाने की ज़रूरत भी नहीं समझी। मामला मध्य प्रदेश में रायसेन के एक गांव बाड़ीकला का है। जहां से ख़बर आई कि यहां रहने वाले पतिराम नाम के शख्स के घर मुर्गी ने एक इंसान के बच्चे को जन्म दिया है। इस ख़बर के आने के बाद मीडिया वाले दौड़ पड़े। लेकिन डॉक्टरों के साथ ही आम लोगों का दिमाग भी चकरा गया। हर कोई ये सोच रहा था कि ऐसा भला कैसे हो सकता है। मेरे चैनल में भी ये ख़बर आई, तो मैं भी इसे सुनकर चौंक गया। पहले तो ख़बर की आपा-धापी में यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब इसकी तस्वीरें देखीं, तो माजरा समझते देर नहीं लगी। मुर्गी के साथ एक इंसान का चार इंच का भ्रूण दिख रहा था। जिसको लेकर ये दावा किया जा रहा था कि इंसान के इस बच्चे को मुर्गी ने ही जन्म दिया है। लेकिन मुर्गी को देखकर तरस आ रहा था, बेचारी अपने हाल पर बेबस थी, कैमरे की निगाहों के साथ ही उसे ज़माने की नज़रों का सामना भी करना पड़ रहा था। बेज़ुबान परेशान थी, अपनी सफ़ाई में क्या कहे, किससे कहे और कैसे कहे। कैसे लोगों को बताए कि इसमें उसका कोई कसूर नहीं है, बल्कि इसका पापी तो कोई और है, जो अपने गुनाहों पर पर्दा ढकने के लिए मेरे दड़बे में इस भ्रूण को रखकर चला गया है। लेकिन जैसे लोग नासमझ थे, वैसे ही मुर्गी भी लाचार थी। उसका मासूम चेहरा देखकर उस बेचारी पर तरस आ रहा था। जो ख़ता उसने की ही नहीं उसका इल्ज़ाम उसके मत्थे मढ़ दिया गया था। और तो और उसका मालिक भी इस ख़बर को कैश कराने में लगा था। मुर्गी बेचारी के हर एंगल से शॉट्स बनाए जा रहे थे। वो तो बस नहीं चला, अगर मुर्गी बोल पाती, तो शायद उससे तमाम तरह के बेतुके सवाल भी पूछ लिए होते। हो सकता है कोई ये भी पूछ लेता, कि इस बच्चे का बाप कौन है? डॉक्टर भी बेचारे बोल-बोलकर परेशान थे, कि कुदरत के नियम में इस तरह का कोई खिलवाड़ नहीं हो सकता। भला मुर्गी भी कहीं इंसान के बच्चे को जन्म दे सकती है। लेकिन सुनने को कोई तैयार ही नहीं था। ये किस्सा बिल्कुल ऐसा ही था, जैसे हमने जर्नलिज्म में पढ़ा था कि अगर कुत्ता आदमी को काटे तो ख़बर नहीं है, लेकिन अगर आदमी कुत्ते को काटे तो ख़बर बन जाती है।
अबयज़ खान
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9 बैठकबाजों का कहना है :
यह हिन्दुस्तान है भाई जो ना हो वो कम है.
भाई आपने ठीक कहा अभी समाज में जानवर ही पाप से बचे थे उन्हें भी इंसानी गुनाहों का भागीदार बनना पड़ रहा है ये दुर्भाग्य है उस मुर्गी का जो इंसान के घर में पल रही थी आगे से शायद जानवर अपना दामन इंसान से बचा कर ही रखेंगे
बज्मी नकवी
ye journalism hai...
hindustaan to har aspect mein hi hota hai...
samasya yah hai ki aap bhi padhe likhe hain...fir bhi ek pal ko tv ke samne thithke jarur...
yahi to chahiye..channel ko, wo mil raha hai..thats it!
ALOK SINGH "SAHIL"
लेकिन मुर्गी को देखकर तरस आ रहा था, बेचारी अपने हाल पर बेबस थी, कैमरे की निगाहों के साथ ही उसे ज़माने की नज़रों का सामना भी करना पड़ रहा था। बेज़ुबान परेशान थी, अपनी सफ़ाई में क्या कहे, किससे कहे और कैसे कहे।
बहुत अच्छा लगा.
अब हम क्या कहें... हाँ यह समझ नहीं आई की यह खबर थी भ्रम
बस यही कसर बची थी आगे देखें इस से बडी कौन सी खबर होगी छलो एक दिन के लिये चैनल वलों की रोज़ी रोटी का काम हो गया हा हा हा
ये भी आधुनिक पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण भाग है बंधू, हा हा हा ....
मिडिया का सही रूप पेश किया आपने
मुझे आज भी याद है २७ सितम्बर का वो दिन जब धोनी जी २० २० विश्व कप जीत के आये थे
और सारे चैनल वाले उन्हें भारत का हीरो बता रहे थे
और लानत है ऐसी मीडिया पर जो उस दिन भारत के असली हीरो सरदार भगत सिंह का जन्मदिन भूल गयी
जो देश के लिए हस्ते फांसी पर झूल गए उन पर एक भी खबर नहीं लानत है ऐसी मीडिया पर
बढ़िया मजाग है खबर बना दिया ..
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