Monday, June 08, 2009

कपास की खपत में होगा सुधार लेकिन भाव कम

काफी समय तक वैश्विक मंदे का असर चलने के बाद कपड़ा उद्योग में गतिविधियां तेज हो गई हैं। और आने वालों में महीनों में खपत और बढ़ेगी। साथ ही भारत और पाकिस्तान में आगामी वर्ष कपास की खपत में भी बढ़ोतरी होगी।
इसका असर विश्व बाजार में कपास के सप्लाई, मांग और खपत के साथ ही भाव पर भी पड़ेगा।
आगामी सितत्बर को समाप्त हो रहे वर्ष के दौरान भारत में कपास की खपत अिध्क होगी। आगामी वर्ष भी भारत में कपास की खपत में बढ़ोतरी के अनुमान लगाए जा रहे हैं। यही नहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कपास की खपत में बढ़ोतरी का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष की अंतिम तिमाही तक विश्व में कपास की खपत में कमी आ रही थी।
आगामी वर्ष भारत में कपास का उत्पादन बढ़ कर 325 लाख गांठ हो जाने का अनुमान है जबकि इस वर्ष उत्पादन घट कर 290 लाख गांठ रह गया था।

विश्व
रिपोर्ट के अनुसार आगामी वर्ष विश्व में कपास की खपत 232.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि गत माह इसने 230.9 लाख टन का अनुमान लगाया था। इस वर्ष का अनुमान 227.4 लाख टन का है।
दूसरी ओर, विश्व में कपास का उत्पादन 231.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि गत वर्ष उत्पादन 233.5 लाख टन हुआ था। इसका कारण अनेक देशों में किसानो द्वारा कपास के स्थान पर अन्य फसलों की खेती किया जाना है।

भाव
विश्व में लगातार तीसरे वर्ष कपास के भाव में गिरावट आएगी। वर्ष 2009-10 में कपास का उत्पादन एक प्रतिशत घट कर 234 लाख टन होने का अनुमान है क्योंकि चीन, ब्राजील, तुकीZ, पश्चिमी अफ्रीका और उज्बेकिस्तान में उत्पादन कम होने की आशंका है। दूसरी ओर, भारत में कपास के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी का अनुमान है। अमेरिका मे भी कपास के उत्पादन में कुछ अधिक होने का अनुमान है।

विश्व में मिलों में की खपत 2 प्रतिशत बढ़ कर 233 लाख टन हो जाने का अनुमान है। इसके अनुसार चीन, भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश, वियतनाम आदि देशों में खपत में वृद्वि का अनुमान है। अमेरिका में आगामी वर्ष भी कपास की खपत में कमी आने का अनुमान है। एशिया के कुछ छोटे देशोें और यूरोप में भी कपास की खपत में कमी की आशंका है।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण विश्व में कपास के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत नीचे चल रहे हैं। आगामी वर्ष भी भाव में कमी आने की आशंका है। कपास का वैश्विक स्टाक बढ़ने का अनुमान है। वर्ष 2009-10 में कॉटलुक इंडैक्स इस वर्ष के स्तर 60 सेंट से घट कर 54 सेंट प्रति पौंड पर आ सकता है।
वर्ष 2009-10 कें अंत में विश्व में कपास का स्टाक बढ़ कर 132 लाख टन तक जा सकता है।

कारोबार
विश्व में कपास का कारोबार 8 प्रतिशत बढ़ कर 65 लाख टन होने का अनुमान है। चीनी सरकार द्वारा रिर्जव स्टाक से कपास बेचे जाने की नीति के कारण उसके आयात में 14.5 लाख टन पर मामूली वृद्वि का अनुमान है।
भारत से कपास के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। अनुमान है कि भारत से निर्यात लगभग तीन गुणा बढ़ कर 11 लाख टन हो जाएगा। दूसरी ओर, अमेरिका से आयात का निर्यात लगभग 11 प्रतिशत घट कर 23 लाख टन रह जाने का अनुमान है।

--राजेश शर्मा

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

2 बैठकबाजों का कहना है :

Shamikh Faraz का कहना है कि -

इतने गहरे आंकडों के साथ कपास की खपत में जानकारी के लिए आपका आभारी.

Manju Gupta का कहना है कि -

Kapas ki vyapak jankari dene ke liye dhanywad.



Manju Gupta.

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)