tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post802076460383218611..comments2024-03-23T09:00:33.025+05:30Comments on बैठक Baithak: अपने-अपने मोहल्ले, अपने-अपने रावण...नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-9136608885056387582009-09-11T17:08:30.757+05:302009-09-11T17:08:30.757+05:30इतने हलके फुलके शब्दों मे एक बहुत तीखी चोट है । अश...इतने हलके फुलके शब्दों मे एक बहुत तीखी चोट है । अशिक जी को बहुत बहुत बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-18475466349282739612009-09-11T09:46:21.580+05:302009-09-11T09:46:21.580+05:30सारे लोग रावण के.....पुतले जला-जला कर रावण को मारन...सारे लोग रावण के.....पुतले जला-जला कर रावण को मारने का डोंग करते हैं ....मगर अपने भीतर उससे भी बड़ा और भयानक रावण पैदा किये रहते हैं....धीरे-धीरे हर आदमी और भी बड़ा रावण होता जा रहा है...और बतलाता है कि वही एक मर्यादा पुरुषोत्तम राम है....हम भूतों को तो ऐसे रावनों से बड़ी कोफ्त होती है....हम भूत भी ऐसी कारगुजारियों को देख-देख कर बार-बार मरते रहते हैं....इंसान की इंसान के प्रति अपनी किसी भी जिम्मेवारी से बेखबर और लापरवाह इंसान की तमाम नाकामियों को देखकर हर भूत बड़ा व्यथित होता है....वो बार-बार चाहता है कि वो धरती पर फिर से आ जाए....!!<br />मगर एक बार जो मर गया उसका धरती पर ना तो संभव है...और ना वाजिब....इसीलिए धरती पर इंसान कहलाने वाले इन स्वनामधन्य विवेकशील जीव इंसान की तमाम कारगुजारियों को देख-देख कर हम भूत एक तरह से पागल ही हो जाया करते हैं....भीतर-भीतर ही क्या बाहर-बाहर भी रोते हैं...कलपते हैं....दहाड़ मार-मार कर चीखते हैं ......मगर फिर यह भी सोचते हैं कि जब हम धरती पर थे तब हमने भी वहां होकर क्या "कबाड़"लिया था.....अपने होने का कौन सा फ़र्ज़ अता कर पाए थे हम....और यह सोचकर हम और भी ज्यादा रोने लगते हैं....दरअसल यह रोना किसी और इंसान के "रावण-पने"पर ना होकर अपनी विफलताओं पर रोना है....अपने अंहकार का ही पोषण है....इसीलिए...यह रावण पना कभी मिटने को नहीं आता...क्यूंकि इंसान का लालच कभी ख़त्म ही नहीं होता....लालच के लिए इंसान तमाम फरेब....बे-इमानी...और ना जाने क्या-क्या करता है....जिसको लिखते-लिखते ना जाने कितने ही लेखक मर-खप गए....जिससे चेताते-चेताते कितने ही साधू-संत स्वर्ग-सिधार गए.....आदमी रावण था....रावन है....और रावण रहेगा.....!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-24417406270824989132009-09-11T08:16:40.028+05:302009-09-11T08:16:40.028+05:30अशोक जी बहुत करार व्यंग है. मज़ा आ गया. हम तो आपके ...अशोक जी बहुत करार व्यंग है. मज़ा आ गया. हम तो आपके व्यंग्बाजी के मुरीद हो गए.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-22994365866464450332009-09-11T01:57:32.740+05:302009-09-11T01:57:32.740+05:30पत्नी को मायके भेजने की इतनी तमन्ना न होती तो न ही...पत्नी को मायके भेजने की इतनी तमन्ना न होती तो न ही लड्डुओं पर व्यर्थ पैसा खर्च करने का खुराफाती idea दिमाग में आता और कम से कम कोई बख्त-बेबख्त आंसू पोंछने वाला भी होता. <br /><br />हाय राम ! नारी जीवन कैसी है तेरी <br />यह दुख भरी अजब कहानी<br />तेरी absence में पति की आँखों में<br />क्यों भर - भर आता है पानी?Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-65973919550986002112009-09-10T17:34:47.263+05:302009-09-10T17:34:47.263+05:30तुलसी का प्रेम तो जग जाहिर है .आप तो पत्नी पीड़ित ल...तुलसी का प्रेम तो जग जाहिर है .आप तो पत्नी पीड़ित लगे हो .भाभी जी को पढा दो ,मायके से आ गयी होंगी .कहीं हास्य तो कहीं करारा व्यंग्य है.आज तो हर जगह रावण मिल जायेगें . आभार .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-64391293414642523542009-09-10T15:59:27.413+05:302009-09-10T15:59:27.413+05:30अशोक जी,
कौन जाने की आपके दिमाग में जो छोटा सा शक...अशोक जी,<br /><br />कौन जाने की आपके दिमाग में जो छोटा सा शक है वह साकार ही हो जाये तो......? ' बच्चे चंदा का धंधा तो क्या ही करेंगें..... ' <br />तो मेरा मतलब है की वह पैसा उन छोटे रावणों ने अगर टिक्की और गोलगप्पे खाने में ही उड़ा डाला तो.....???? च्च च्च च्च च्च.......Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.com