tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post6910107952102343991..comments2024-03-12T09:10:03.045+05:30Comments on बैठक Baithak: अहंकारी होते ब्लॉगी कविनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-51193177105193749212009-04-25T15:23:00.000+05:302009-04-25T15:23:00.000+05:30क्या बात है तपन जी बहुत ही बढ़िया लेख प्रस्तुत कि...क्या बात है तपन जी बहुत ही बढ़िया लेख प्रस्तुत किया है आपने , मैं इस बात से तो सहमत हूँ की कभी कभी कुछ कवि अहंकारी हो जाते है पर ऐसा भी नही है की समझाने के तौर पर की गयी बात को भी अंहकार कहा जाये | <br />लेखन एक ऐसी विधा है जिसमे जो जितना ज्यादा समझ रखता है वही बड़ा होता है उम्र इसमें कोई सीमा नहीं होती , कभी कभी एक छोटा और साधारण लेखक जो बात कहता है वो बड़े बड़े कहने की जेहमत नही उठा पाते | इसी बात पर अपना लिखा एक दोहा प्रस्तुत करना चाहुगा शायद इस लेख में रौशनी डाल सकूँ : <br />मैं अपने को जप रहा चादर से निकले पाँव ,<br />अभिमानी जन के होवे नही कोई नाम और गाँव ||<br />अर्थ ये की जो लोग अभिमानी होते हैं उनकी दशा वैसी ही होती है जैसी उस व्यक्ति की जिसका न कोई घर होता हे न पता |<br />धन्यवाद<br />अभि ताम्रकारअभिषेक ताम्रकार "अभि"https://www.blogger.com/profile/16103390666108038878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-24843653062413730922009-04-22T22:02:00.000+05:302009-04-22T22:02:00.000+05:30क्या पोस्ट डाली है तपन जी,,,,
एनिमाउस आ भी रहे हैं...क्या पोस्ट डाली है तपन जी,,,,<br />एनिमाउस आ भी रहे हैं और कुछ कह भी नहीं पा रहे,,,<br /> एकदम मस्त ,,,,,,,,<br />मजा आ गया,,,,,,<br />मैं तो कहूंगा के इसका पार्ट --२ भी लिख ही डालिए,,,,,Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-6875543457229526332009-04-22T20:21:00.000+05:302009-04-22T20:21:00.000+05:30hhAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-81208361225908152502009-04-22T02:54:00.000+05:302009-04-22T02:54:00.000+05:30Very Mature Observation तपन भाई ....
सादर
दिव्य प...Very Mature Observation तपन भाई ....<br />सादर <br />दिव्य प्रकाश <br />http://www.youtube.com/watch?v=oIv1N9Wg_KgDivya Prakashhttps://www.blogger.com/profile/15601457023446289181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-90550323773886523492009-04-22T01:48:00.000+05:302009-04-22T01:48:00.000+05:30नियंत्रक महोदय ,
बिना कुछ पढ़े भी यदि कोई टिपण्णी...नियंत्रक महोदय ,<br />बिना कुछ पढ़े भी यदि कोई टिपण्णी हो,,,,,<br />उसे क्या समझा जाए,,,,,हम तो हर बात को देख भाल कर अपनी तरफ से टिपण्णी करते हैं,,,<br />खैर,,,,, क्या आप इस सभ्य टिपण्णी को मिटाना चाहेंगे,,,,,?????<br />देख लीजिये,,<br />आपको एक नयी शुरूआत करने का मौका दिया जा रहा है,,,,,,<br />ना,,,,,, नहीं,, नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,<br />थोड़ी सी बदबूदार जरूर है पर अभी अभद्र नहीं हुयी है,,,,,,अभी काफी गुन्जाइशे हैं,,,,, <br />अभी शायद और ,,,,,,<br />खैर,,,,,,फिलहाल तो नाक पर रुमाल रखकर बर्दाश्त किया जा सकता है,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-51188413321351039952009-04-22T01:27:00.000+05:302009-04-22T01:27:00.000+05:30आज बहुत दिन बाद हिंदी युग्म पर टिप्पडी कर रहा हूँ...आज बहुत दिन बाद हिंदी युग्म पर टिप्पडी कर रहा हूँ वो भी इस लिए की चुप रहते नहीं बना <br /><br />आपने जो भी लिंक दिए किसी को मैंने नहीं खोला मेरा किसी मंच से कोई लेना देना नहीं है <br /><br />बस आपसे यही कहना चाहता हूँ की मल करने वाले को गन्दा कहाँ जाये या मल को छितरा छितरा कर बिखेरने वाले को गन्दा कहाँ जाये <br />मैं बस यही पूछना चाहता हूँ इस लेख को लिखने वाले महोदय से की आप मल को छितरा छितरा कर क्या साबित करना चाहते है<br /><br />हिंदी युग्म पहले अपने अन्दर झांके फिर किसी और से कुछ कहे <br />आपने कभी उस टिप्पडी को नहीं मिटाया जिससे विवाद हो रहा हो तो इसमें आपको अपनी महानता दिख रही <br />शायद पहल आप मेरी टिप्पडी को मिटा कर करैं <br /><br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-79259907289050552702009-04-21T22:16:00.000+05:302009-04-21T22:16:00.000+05:30अरे वाह तपन जी,
क्या बैठक जमाई है आपने ,,,अभी अभी ...अरे वाह तपन जी,<br />क्या बैठक जमाई है आपने ,,,अभी अभी पढा पढ़ कर मजा आया ,,,बहुत सी अगली पिछली बाते ,,भूली बाते ताजा हुई,,,, बस एक शिकायत रह गई ,,के ये लेख हमारी सलाह के बिना ही आपने पोस्ट कर दिया,,,,,<br />मेरे भाई ,<br />जब लगभग सभी रचनाओं में मेरा नाम है तो मुझसे सलाह तो कर ही लेते ,,,,,मैं शायद और भी मदद करता आपकी,,,,,मसलन इसमें शायद एकाध जगह पर एक ही पोस्ट दो बार खुल रही है,,,,मुझसे कहा होता तो ढेर लगा देता आपकी जानकारियों का,,,,,मुझे ये कहने में कोई परेशानी नहीं के कभी कभी अनाम बन जाता हूँ,,,,,पर किसी को तंग करने के लिए नहीं,,,,केवल मस्ती के लिए,,,,,<br />अगर किसी को कुच्छ कडा कहना हो तो सीधे सीधे ही बात करता हूँ,,,,जैसे अभी ये कमेन्ट लिख रहा हूँ,,,,बंद करते करते मूड हुआ तो अनाम भी लिख सकता हूँ,,,,,क्यूंकि इसमें किसी को कुछ गलत नहीं कहा है अब तक,,,,,,,,, पर अब काफी समय से ये प्रयोग बंद कर रखा है,,,,,(अब एक दूसरा प्रयोग चल रहा है,,),,,,,,,हाँ यदि कोई तल्ख़ बात लिखूंगा तो खुलकर ,,,,,सामने वाले को पता रहे के बात किस से हो रही है,,,,और शायद उस से ज्यादा ना समझ कौन होगा जो लिखने पर इतनी मेहनत भी करे,,,अपनी रात काली करे ,,,दिमाग में टेंशन भी पाले ,,,,,,<br />और किसी को पता ही ना चल पाए के आखिर इतनी जहमत उठाई किसने है,,,,?<br />कौन है जो लेख को इतने ध्यान से पढता है,,,,,,?<br />किसको पता है के कहा पर क्या कमी है,,,कौन जानता है के क्या क्या बात एतराज के काबिल है और क्या क्या ठीक है,,,,,,?<br />इतनी माथा पच्ची करके अगर कोई अनाम बनता है ,,तो क्या कहेंगे उसे आप,,,,,,??<br /><br />और हाँ,<br />मेरे इन,,,,dash ,,,,,,,dash से आप कुछ गलत ना समझियेगा,,,,,<br />और हाँ, एक आपने मुझ पर अहसान भी क्या है,,,,बहुत ही बड़ा,,,,,अब मुझे किसी को ये समझाने की जरूरत नहीं है के मैं किसी से कोई जाती दुश्मनी के कारण कुछ कहता हूँ,,,,,,,हिंद युग्म मेरे लिए घर परिवार जैसा है,,,,,और यहीं पर मेरी सभी तरह की ऊट पटांग भी सख्त भी पसंद की भी,,,,नापसंद की भी,,,,किलासने की ,खुद किल्सने की ,,,,,<br />हर तरह की टिपण्णी हर रंग में मौजूद है,,,,,कम से कम ये तो साबित हुआ के मैं अपनी बात कहने के लिए कोई जगह नहीं देखता और ना ही सामने वाले की ऊंचाई ,,,,, दुसरे वाली बात पर शायद में गलत हो सकता हूँ,,,,( वो भी हमेशा नहीं)<br />पर ये तो सिद्ध हुआ के यदि हमारा अपनी बात कहने का दिल है तो हम कहेंगे,,,,,खुलकर कहेंगे,,,,,<br />इस लेख के लिए बहुत बहुत बधाई हो,,,,,<br />ज्याद ही मेहनत हो गई तो अब मस्ती के लिए एनिमाउस नहीं बनूंगा,,,,,,,<br />क्या पता इसका सारा क्रेडिट किसको मिल जाए,,,???<br />::::::::::::)):::::::::))<br />ये भी सिर्फ स्माइल है,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-89085830772194486942009-04-21T20:19:00.000+05:302009-04-21T20:19:00.000+05:30मेरे खयाल से यह लेख एक व्यक्तिगत विचार है और बैठक ...मेरे खयाल से यह लेख एक व्यक्तिगत विचार है और बैठक हर तरह के व्यक्तिगत विचारों का खुला मंच है....इसमें किसी विशेष मंच या कवि का नाम उछालने जैसी कोई बात ही नहीं है....हम ऐसे लेख अक्सर प्रकाशित करते रहते हैं, जिनमें लोगों, मंचों, स्थानों के नाम का ज़िक्र होता है....<br />किसी भी तरह की आपत्ति के समाधान के लिए 9818634975 पर संपर्क किया जा सकता है...ये लेखक का टेलीफोन नं. है.....हम चाहेंगे कि अन्य मंचों से भी लोग यहां लिखें..हम हर तरह के लेखों का स्वागत करते हैं.....<br /><br />निखिल आनंद गिरि<br />संपादक, बैठकNikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-86296327817289832552009-04-21T19:35:00.000+05:302009-04-21T19:35:00.000+05:30हिन्दी साहित्य में
ब्लोग्गिने से अपना काम बनाने
...हिन्दी साहित्य में <br />ब्लोग्गिने से अपना काम बनाने <br />और गुटबाजी करके पैसा कमाने के वास्ते <br />बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-15540025568079309532009-04-21T19:30:00.000+05:302009-04-21T19:30:00.000+05:30कुछ नहीं.कुछ नहीं.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-33722945081652144262009-04-21T18:58:00.000+05:302009-04-21T18:58:00.000+05:30ddddddAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-68573417209668820252009-04-21T17:25:00.000+05:302009-04-21T17:25:00.000+05:30(इसका अंदाज़ा आप यहाँ जाकर पहली टिप्पणी पढ़ कर ही ल...(इसका अंदाज़ा आप यहाँ जाकर पहली टिप्पणी पढ़ कर ही लगा सकते है। जिस लिन्क की बात की जा रही है - यह आपकी पोस्ट का हिस्सा है)<br />किसी मंच का लिन्क अपनी पोस्ट में देने से पहले उसके बारे में सही सही जानकारी रखना जरूरी है शायद ये बात इस लेख के लेखक को मालूम नहीं है. किस बजह से टिप्पणी हटाई गई यह भी वह नहीं जानते. उसी लिन्क पर एक टिप्पणी अभी भी मौजूद है जो शायद "इसी लेख के लेखक की है" उसे उसी रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है.<br />"Anonymous March 23, 2009 6:52 AM <br />पहले तो 'आयी हयात' नहीं बल्कि 'लायी हयात' है, आपका व्याकरण ज्ञान महज़ 'आवरद' तक सीमित है, जो 'आमद' की नहीं सोचता! अगर आप सही विवेचना पर विश्वास रखते हैं तो इस टिप्पणी को हटाये नहीं, यह आपकी बुराई नहीं आपकी शिक्षा है!<br />-- अदना"<br />इस टिप्पणी के उत्तर में मेरी टिप्पणी यह थी<br />"मोहिन्दर कुमार March 23, 2009 10:19 AM <br />अनोनिमस जी,<br /><br />आपको पूरे आलेख में सिर्फ़ आयी और लायी ही नजर आया जो कि एक टाईपोग्रफ़ीकल मिस्टेक हो सकती है..<br />आलोचना से किसी को भी इन्कार नहीं है मगर वो सार्थक होनी चाहिये न कि ह्तोसाहित करने वाली...आप पहले भी ऐसी टिप्पणिया कर चुके हैं और यह आपकी मानसिक कुंठता का ही प्रतीक हैं.<br />सतपाल जी निश्चय ही आपके लेखों से सीखने वालों को बहुत कुछ मिला है. आप निरर्थक टिप्पणियों को अनदेखा कर लिखते रहिये.. हमें यह मान कर चलना चाहिये कि सभी.. इंजन या ड्व्वे नहीं होते जो लोगों को गन्त्वय यक पहुंचाते हैं.. कुछ लोग सिर्फ़ ब्रेक का काम जानते हैं<br />राजीव जी से अनुरोध है कि वह मेल से टिप्प्णी के नोटिफ़िकेशन को ओन करें ताकि अनोनिमस टिप्पणी करने वालों तक पहूंचा जा सके."<br />यदि साहित्य शिल्पी को आलोचना से इन्कार होता तो "अदना जी" की टिप्पणी को भी हटाया जा सकता था.. परन्तु ऐसा नहीं हुआ. जो टिप्पणिया हटाई गई वह इस कारण से हटाई गई कि उनकी भाषा और सार किसी भी भद्र व्यक्ति के लिये पढना शर्म की बात थी. हम अपनी साईट पर साहित्य चाहते हैं न कि गाली और कूडा कचरा.<br />साहित्य शिल्पी एक सजग मंच है और यह बात आगे से ध्यान में रखी जानी चाहिये.Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-74750430418268675072009-04-21T17:21:00.000+05:302009-04-21T17:21:00.000+05:30हिन्द युग्म मंच के माननीय नियंत्रक महोदय,
साहित्...हिन्द युग्म मंच के माननीय नियंत्रक महोदय,<br /><br /><br />साहित्य शिल्पी www.sahityashilpi.com मंच का लिंक दे कर इस तरह की बाते पोस्ट में कहना आपके मंच को शोभा नहीं देता। कृपया किसी मंच का नाम उछालने अथवा उसके भीतर की किसी बात को अपने दृष्टिकोण से सार्वजनिक करने से पहले पूरी जानकारी रखें अथवा संदर्भित मंच को संज्ञान में अवश्य लें। दूसरी और महत्वपूर्र्ण बात कि साहित्य शिल्पी www.sahityashilpi.com मंच किसी "कवि" द्वारा नहीं चलाया जा रहा। यह एक सामूहिक मंच है और सर्वसम्मति वाले सिद्धांत पर कार्य कर आगे बढ रहा है। इसे एक "कवि" का मंच कहना आपकी अज्ञानता है। <br /><br />अभद्र टिप्पणियाँ अनेक मंचों की समस्या है और संचालकों के पास उसे हटाने के सिवा कोई चारा नहीं रहता। हाल में ही नेट पर स्थित एक प्रमुख वेबजीन नें भी 'कमेंट मॉडरेशन' इसी समस्या से ग्रसित हो कर लगाया है। हम साहित्य शिल्पी www.sahityashilpi.com मंच पर अपने माननीय पाठकों एवं लेखकों के सम्मान को जानबूझ कर ठेस पहुचाने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित नहीं करते तथा इसे आपके द्वारा "अहंकार" कहे जाने से सहमत नहीं हैं। <br /><br />आप अपने ब्ळोग पर प्रकाशित रचनाओं पर विवेचना करें आप स्वतंत्र हैं किंतु साहित्य शिल्पी www.sahityashilpi.com जैसे जिम्मेदार मंच का उद्दरण देते समय आपसे पूरी जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है।<br /><br />-साहित्य शिल्पी समूह।साहित्यशिल्पीhttps://www.blogger.com/profile/03337085754343699108noreply@blogger.com