tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post4612024754321710233..comments2024-03-23T09:00:33.025+05:30Comments on बैठक Baithak: पहाड़ काटते मजदूरों की पहाड़-सी ज़िंदगी...नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-33819709803870376052009-09-08T08:48:14.034+05:302009-09-08T08:48:14.034+05:30किसी की भी आँखें नम कर देने वाला है ये वृताँत अंशु...किसी की भी आँखें नम कर देने वाला है ये वृताँत अंशु जी को इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने के लिये बधाई।फराज़ जी की कविता भी अच्छी लगी आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-77991653239295005662009-09-07T16:55:33.935+05:302009-09-07T16:55:33.935+05:30दिल को द्रवित करने वाला सच आलेख पढा , तन -मन से कठ...दिल को द्रवित करने वाला सच आलेख पढा , तन -मन से कठोर मेहनत करने वाले मजदूरों का २१ वीं सदी में भी अमानवीय व्यवहार और शोषण हो रहा हैं .अधर्म के ठेकेदारों को सदबुद्धि ईश दे .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-24049201903069599472009-09-07T08:53:06.957+05:302009-09-07T08:53:06.957+05:30एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,
जहा...एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !<br />हाथी सा बलवान,<br /><br /><br />जहाजी हाथों वालाऔर हुआ ! <br /><br />सूरज-सा इंसान,<br /><br /><br />तरेरी आँखोंवाला और हुआ !!<br /><br />एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!<br />माता रही विचारः<br /><br /><br />अँधेरा हरनेवाला और हुआ !<br /><br />दादा रहे निहारः<br /><br /><br />सबेरा करनेवाला और हुआ !!<br /><br />एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !<br />जनता रही पुकारः<br /><br /><br />सलामत लानेवाला और हुआ !<br /><br />सुन ले री सरकार!<br /><br /><br />कयामत ढानेवाला और हुआ !!<br /><br />एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !<br /><br />( कविता संग्रह, "कहें केदार खरी खरी" से )Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-59618576289494469852009-09-07T08:52:48.560+05:302009-09-07T08:52:48.560+05:30इसके बाद यह कहना चाहूँगा की सिर्फ पठार तोड़ने वाले...इसके बाद यह कहना चाहूँगा की सिर्फ पठार तोड़ने वाले मजदूरों की ही नहीं हर तरह के मजदूरों की ज़िन्दगी परेशानियो के पहाड़ से भरी हुई है. आज आपका आलेख पढ़कर केदार जी कविता याद आ गई.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-3430080597205499112009-09-07T08:51:26.563+05:302009-09-07T08:51:26.563+05:30अंशु जी सबसे पहले बैठक पर आपके पहले आलेख के लिए आप...अंशु जी सबसे पहले बैठक पर आपके पहले आलेख के लिए आपको मुबारकबाद.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.com