tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post4601748142433802789..comments2024-03-23T09:00:33.025+05:30Comments on बैठक Baithak: रोशनी के पीछे का अंधेरानियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-41965422369722370352009-10-18T17:31:06.930+05:302009-10-18T17:31:06.930+05:30दीवाली पर आपने जो आत्मविश्लेषण की बात कही बहुत ही ...दीवाली पर आपने जो आत्मविश्लेषण की बात कही बहुत ही बढ़िया लगी. आपका आलेख में कुछ ऐसा है ही नहीं जो घटिया कहा जा सके. पढ़कर लगा की आप किसी भी चीज़ को गहरे तक जानने में यकीन रखते हैं. बहुत फिलोस्फिकल सोच है.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-55097890812488002602009-10-16T00:35:35.953+05:302009-10-16T00:35:35.953+05:30अच्छा लगा
दीपोत्सव अभिनन्दन !अच्छा लगा<br /><br />दीपोत्सव अभिनन्दन !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-19809979406513263942009-10-15T21:48:08.116+05:302009-10-15T21:48:08.116+05:30इस निबंध का स्थायी महत्त्व है। पढ़ने पर ऐसा लगा कि...इस निबंध का स्थायी महत्त्व है। पढ़ने पर ऐसा लगा कि आप बहुत सूक्ष्मता से एक अलग धरातल पर चीज़ों को देखते हैं। <br />पर इन समस्यायों पर बैठक तो बाद में भी जम सकती थी, आज ही क्यों? ऐसा नहीं है कि इस विषय से हम जी चुरा रहें हैं, चा मुंह मोड़ रहें हैं। पर हम आज धनतेरस मना रहें हैं और प्रकाश के पर्व का स्वागत करने का मूड बना चुके हैं। इस लिए इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। क्षमा करें।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-78587636530972703702009-10-15T14:57:44.509+05:302009-10-15T14:57:44.509+05:30दीपावली के मौके पर आत्मविश्लेष्ण तो होना ही चाहिए।...दीपावली के मौके पर आत्मविश्लेष्ण तो होना ही चाहिए। त्यौहारों को मनाते हुए हम उन मूल्यों को खोते जा रहे हैं जिन मूल्यों की रक्षा हेतु ही त्योहारों का उदभव हुआ। आलोक भट्टाचार्यजी को उनके इस विचारोत्तेजक लेख के लिए बधाई ! ्खबर के लिए हिन्द युग्म का आभार। साथ ही हिन्दयुग्म और सभी पाठ्कों को धनतेरस और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-42698665967541671802009-10-15T12:39:00.271+05:302009-10-15T12:39:00.271+05:30हर रोशनी के पीछे कोई न कोई अंधेरा होता ही है। इसपर...हर रोशनी के पीछे कोई न कोई अंधेरा होता ही है। इसपर किसी का वश नहीं चलता।<br />धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br />----------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ </a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-11175310339467782462009-10-15T12:23:57.791+05:302009-10-15T12:23:57.791+05:30आत्मा को झकझोरता अलेख
सुन्दर और बढियाआत्मा को झकझोरता अलेख<br />सुन्दर और बढियाDishahttps://www.blogger.com/profile/14880938674009076194noreply@blogger.com