tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post4521369172730956756..comments2024-03-23T09:00:33.025+05:30Comments on बैठक Baithak: वक़्त का तक़ाज़ा भी यही है....नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-86218022056279899332009-01-23T17:39:00.000+05:302009-01-23T17:39:00.000+05:30दिनकर का लेख 'नेता नही नागरिक चाहिए' आज पचास साल भ...दिनकर का लेख 'नेता नही नागरिक चाहिए' आज पचास साल भी प्रासंगिक है. आज़ादी के बाद नेता, अफसर, व्यापारी ही पैदा किए गए सुयोग्य नागरिक भी हों यह कभी किसी ने नहीं चाहा. हर एक और सब अधिकार चाहते हैं कर्तव्य के बिना. बंगला देशियों को भारत में प्रवेश कोई भारतीय ही देता है. उन्हें छिपाने, रोजगार देने और राशन कार्ड या अन्य पहचान पात्र भी भारतीय ही देते हैं सरकार किसी भी दल की हो मंत्री सीमा पर नहीं होगा. संतरी याने आम आदमी ख़ुद सचेत न हो तो कोई उसे जगा नहीं सकता.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-83999594756746125112009-01-19T09:57:00.000+05:302009-01-19T09:57:00.000+05:30सरकार को कब तक हम दोषी मानते रहेंगे? अगर आप बंगलाद...सरकार को कब तक हम दोषी मानते रहेंगे? अगर आप बंगलादेशी लोगों की बात करते हैं तो आपको जानकर हैरत होगी की केवल दिल्ली में २० लाख बंगलादेशी हैं| इन में से ज्यादातर रिक्शा एंवं मजदूरी का काम करते हैं ७० प्रतिशत घर में काम करने वाली बाई आज की तारिख में बंगलादेशी हैं| क्या आपने या हम में से किसी ने आज तक यह प्रयास किया की हम पता करें की हमारे घर पैर काम करने वाली बाई क्या बंगलादेशी है? नही, सीधा सा इसका कारण है की अपने घर के सफाई में हाथ गंदे कौन करे| सरकार को तो हमेशा दोषी ठेराया जा रहा है, उसका कारन है की हम इतने मानसिक तौर पैर विक्सित नहीं हैं की अपनी गलती स्वीकार करें| प्रतिदिन ६००० बंगलादेशी हमारी सीमा को पार कर पूर्वांचल के राज्यों में प्रवेश कर जाते हैं| क्या हम में से किसी ने सरकार के विरोध में PIL दर्ज करी है क्या? नहीं| <BR/>किंतु हम परस्पर समाचार देखते हैं और सकरार के द्वारा लिए गए कदमों को न काफ़ी बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं| सवाल कांग्रेस अथवा भारतीय जनता पार्टी का नहीं है| सवाल है की क्या आम नागरिक आने वाले खतरे के लिए कितना सचेत है और अपने प्रयासों से कितना बदलाव लाना चाहता है?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-71463798601688216412009-01-18T16:15:00.000+05:302009-01-18T16:15:00.000+05:30कांग्रेस क्यों बदल गई है.. यह सोचने का विषय है। आज...कांग्रेस क्यों बदल गई है.. यह सोचने का विषय है। आज पूर्वोत्तर में हिंसा में शामिल संगठनों में बांग्लादेशी तादाद अधिक है। हमें शुरु से ही सतर्क रहना चाहिये था... लेकिन तब हमने राशन कार्ड बाँटे वोट के लिये... जैसा बोया जायेगा.. वैसी फसल मिलेगी...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-19451179355599929202009-01-14T17:47:00.000+05:302009-01-14T17:47:00.000+05:30जमशेदपुर में जब था, वहां एक रिफयूजी कॉलोनी हुआ करत...जमशेदपुर में जब था, वहां एक रिफयूजी कॉलोनी हुआ करती थी...लोग उन्हें ढकईया(ढाका से भागे लोग) कहकर बुलाते थे..ऐसे कई और भी किस्से हैं जिनपर सीरियस बातचीत ज़रूरी है...सियासत से कुछ नहीं होने वाला...अवाम जागे तो कुछ हल हो सकता है...इस पर और भी लेख पढने की इच्छा है...<BR/>त्रासदी तो ये भी है कि देश में ही कई इलाकों में लोग बिदेसिया की तरह जी रहे है....कहां-कहां तक बात की जाए...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-72923195846735962382009-01-13T21:28:00.000+05:302009-01-13T21:28:00.000+05:30नाजिम जी को नमस्कार.अगर ये तीसरी टिपण्णी वाकई आपकी...नाजिम जी को नमस्कार.<BR/>अगर ये तीसरी टिपण्णी वाकई आपकी है तो आपका बहुत शुक्रिया ..<BR/>आपकी दी जमीन पे कहने का वाकई अलग मज़ा है.....अगली महफ़िल के इंतज़ार में...<BR/>मनुmanuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-17277212222968430472009-01-13T19:57:00.000+05:302009-01-13T19:57:00.000+05:30क्या बात है मनु जी... कितना दर्द है आपके शब्दों मे...क्या बात है मनु जी... कितना दर्द है आपके शब्दों में...<BR/>नाज़िमAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-84732136723956933292009-01-13T17:30:00.000+05:302009-01-13T17:30:00.000+05:30bilkul satik vishleshan nakavi sahab.ye siyasat ke...bilkul satik vishleshan nakavi sahab.<BR/>ye siyasat ke kutte hain,kya karein inka........<BR/>ALOK SINGH "SAHIL"आलोक साहिलhttps://www.blogger.com/profile/07273857599206518431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765263009855166532.post-45092530509249267142009-01-13T14:31:00.000+05:302009-01-13T14:31:00.000+05:30|| उनके नाम औ नस्ल पे झगडे आज सियासत करती है,चाहे ...|| उनके नाम औ नस्ल पे झगडे आज सियासत करती है,<BR/>चाहे जहाँ निकल पड़ते थे,बादल जैसे लोग थे वो ||manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.com